उज्जैन भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है, उज्जैन मध्य प्रदेश के पुरानी और पवित्र शहरों में से एक माना जाता है जो मालवा क्षेत्र में शुक्ला नदी के पूर्वी तट पर स्थित है, उज्जैन मध्य प्रदेश के सबसे बड़ा पांचवा शहर है, जो कि दुनिया भर में अपने समृद्ध इतिहास और कला संस्कृति के साथ-साथ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
उज्जैन शहर का इतिहास लगभग 100 साल पुराना है, जो कभी महान सम्राट विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी, इस नगर को प्राचीन काल में कई नामों से भी जाना जाता था, जैसे कि अवंतिका, उज्जयनी, कनकश्रंगा नामों से भी जाना जाता था।
उज्जैन में कई सारे तीर्थ स्थल भी मौजूद है, यही कारण है कि उज्जैन को मंदिरों की नगरी में कहा जाता है, अगर आप उज्जैन में घूमने जाने की सोच रहे हैं तो, इस लेख को पूरा जरूर पढ़िए, क्योंकि मैंने इस लेख में उज्जैन में स्थित कुछ प्रसिद्ध जगहों के नाम और वहां के बारे में पूरी जानकारी बताई हुई है।
उज्जैन में घूमने की जगह
1. | महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग |
2. | भर्तहरि गुफा |
3. | सांदीपनि आश्रम |
4. | मंगलनाथ मंदिर |
5. | काल भैरव मंदिर |
6. | रामघाट |
7. | गढ़कालिका मंदिर |
8. | सिद्धवट घाट |
9. | कालियादेह महल |
10. | हरसिद्धि माता मंदिर |
11 | चिंतामन गणेश मंदिर |
12 | बड़े गणेश जी मंदिर |
13 | द्वारकाधीश मंदिर |
14. | शिप्रा नदी |

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
महाकालेश्वर मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो स्वयंभू और दक्षिण मुखी है, यहां पर शिव जी की आरती भस्म से की जाती है ऐसा भी कहा जाता है कि इसके केवल दर्शन मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है, और इसकी व्याख्या कालिदास ने मेघदूत में उज्जयनी के नाम से भी की है जिसमें मंदिर की विशाल भव्यता को दर्शाया गया है।
इस मंदिर का दर्शन आप लाइन में खड़े हो कर सकते हैं, अगर आप इस मंदिर का VIP दर्शन करना चाहते हैं तो, इसके लिए आपको मात्र ₹250 के टिकट लेने होंगे, टिकट आपको महाकालेश्वर मंदिर परिसर में ही आसानी से मिल जाएगी।
महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग की श्रृंगार को देखकर आप एकदम मस्त मगन हो जाएंगे, क्योंकि इसकी श्रृंगार की कोई सीमा नहीं है शायद यही वजह है कि महाकालेश्वर मंदिर में असीम भक्ति का नमूना पेश होता है।
महाकालेश्वर मंदिर परिसर में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के अलावा भी 5 से 6 कई मंदिर हैं जैसे द्वारकाधीश मंदिर, नागेश्वर मंदिर आप इन मंदिरों में भी जाकर वहां की असीम भक्ति का नजारा देख पाएंगे।

भर्तहरि गुफा
भर्तहरि एक महान संस्कृत कवि थे, वे संस्कृत साहित्य के प्रकांड पंडित थे, भर्तहरि गुफा में भर्तहरि ऋषि की समाधि है, इस गुफा में दक्षिण द्वार से प्रवेश होता है और अंदर जाकर यह दो भागों में बट जाती है ये शहर के शोर-शराबे से दूर एक शांत स्थल है जो शिप्रा नदी के तट पर स्थित है, गुफा का रास्ता बहुत ही संकीर्ण है इसीलिए वहां आए पर्यटकों को बहुत ही संभाल कर चलने की जरूरत होती है।
गुफा के अंत में राजा भर्तहरि की एक प्रतिमा रखी हुई है जो भर्तहरि के भतीजे गोपीचंद की है, ऐसा कहा जाता है कि इस गुफा के एक भाग को बंद कर दिया गया है, और यह भी कहा जाता है कि यह गुफा सीधे काशी में जाकर निकलती है क्योंकि एक ऐसे ही गुफा काशी के चुनारगढ़ में स्थित है जिसके दरवाजे बंद किए गए हैं।

सांदीपनि आश्रम
श्री कृष्णा, बलराम जी और सुदामा जी ने अपनी शिक्षा इसी आश्रम में ग्रहण की थी जैसे ही आप सांदीपनी आश्रम में प्रवेश करेंगे आपको एक श्री कृष्णा पाठशाला दिखाई देगा जहां पर श्री कृष्णा बलराम जी और सुदामा जी शिक्षा ग्रहण किया करते थे, सांदीपनी आश्रम में एक म्यूजियम भी है जहां पर दिखाया गया है श्री कृष्ण द्वारा सीखी 14 विद्या जो कि उन्हें गुरु सांदीपनी ने सिखाई थी।

मंगलनाथ मंदिर
पुराणों के अनुसार उज्जैन नगरी को मंगल की जननी कहा जाता है, ऐसे व्यक्ति जिनमें मंगल भारी रहता है वे अपने ग्रहों की शांति के लिए यहां पूजा पाठ करवाने आते हैं, वैसे तो देशभर में मंगलनाथ भगवान के कई सारे मंदिर हैं।
लेकिन उज्जैन शहर इनका जन्म स्थल होने के कारण यहां की पूजा को खास महत्व को दिया जाता है, मंगलनाथ मंदिर में हर मंगलवार के दिन भक्तों का ताता लगा रहता है।

काल भैरव मंदिर
ऐसा कहा जाता है कि जब तक आप काल भैरव के दर्शन ना करो तब तक महाकालेश्वर के दर्शन आपके अधूरे ही रह जाएंगे, इसलिए अगर आप उज्जैन शहर में जाए तो एक बार काल भैरव मंदिर के दर्शन जरूर करें।
इस मंदिर में काल भैरव को मान्यता के अनुसार मदिरा और शराब चढ़ाई जाती है, आज तक वैज्ञानिक भी नहीं पता लगा पाए आखिरकार इतनी शराब कहां जाती है, माना जाता है कि स्वयं काल भैरव खुद यहां पर शराब का सेवन करते हैं और भक्तों की इच्छा को पूर्ति करते हैं।
आपको काल भैरव मंदिर के बाहर अलग-अलग किस्म के मदिरा, शराब मिल जाएंगे आप अपने पसंद के अनुसार कोई भी मदिरा, शराब काल भैरव को चढ़ा सकते हैं, काल भैरव को उज्जैन नगरी का रक्षक भी माना जाता है काल भैरव मंदिर में दीपक का एक टावर भी लगाया गया है, जहां पर आप अपनी इच्छा के अनुसार पूजा-अर्चना करवा सकते हैं।

रामघाट
यह शिप्रा नदी के तट पर स्थित है, यहां पर हर 12 वर्ष में कुंभ मेले का आयोजित किया जाता है, जो कि सच में देखने लायक होता है शिप्रा नदी के आरती का नजारा अत्यंत दर्शनीय है, एक असीम आनंदमय सुखदाई और शांत वातावरण के बीच में आप जब शिप्रा नदी के तट पर बैठेंगे तो आपको कुछ पल के लिए एकदम असीम आनंदमय की प्राप्ति होगी।

गढ़कालिका मंदिर
मान्यताओं के अनुसार कवि कालिदास कालिका देवी के उपासक थे, और गढ़कालिका देवी के बहुत पूजा अर्चना किया करते थे पूजा अर्चना करने के बाद ही उनके प्रतिभाशाली व्यक्तित्व का निर्माण होना शुरू हुआ था मां गढ़कालिका के दर्शन के लिए हर रोज लाखों लोग बहुत दूर-दूर से आते हैं और मां गढ़कालिका उनकी इच्छा को पूरा करती है।

सिद्धवट घाट
यहां पर जो लोग इस दुनिया में नहीं रहे उनके लिए पूजा पाठ करवाया जाता है, कर्मकांड, मोक्ष कर्म, पिंडदान के लिए प्रमुख स्थान माना जाता है इस मंदिर परिसर में एक वट का वृक्ष है इसीलिए इसे सिद्धवट घाट नाम दिया गया है।

कालियादेह महल
यह उज्जैन की ऐतिहासिक इमारतों में से एक है जिसका निर्माण 15 वी शताब्दी में मांडू के ने करवाया था, यह महल शिप्रा नदी के तट पर एक द्वीप पर बसा हुआ है, कालियादेह महल उज्जैन रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।

हरसिद्धि माता मंदिर
यहां पर हमेशा भक्तों की भीड़ उमड़ती रहती है, लेकिन नवरात्रि के शुभ अवसर पर माता के इस दरबार पर कई धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, नवरात्रि के समय में यहां पर लोगों में खास उत्साह देखने को मिलती है, और और बहुत दूर-दूर से लोग नवरात्रि के समय में हरसिद्धि माता मंदिर के दर्शन के लिए आया करते हैं, और यहां पर सबसे ज्यादा भीड़ नवरात्रि के समय में ही लगती है।

चिंतामन गणेश मंदिर
ऐसा कहा जाता है कि यहां से कोई खाली हाथ नहीं लौटता है यही वजह है कि यहां पर हर रोज भक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन यहां बुधवार के दर्शन की विशेष महत्व इसीलिए यहां पर बुधवार के दिन श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है।
श्रद्धालु अपनी अपनी इच्छा पूर्ति करने के लिए यहां पर धागा भी बांधते हैं, लोग मन्नत के लिए दूध, दही, चावल या नारियल में से किसी एक वस्तु को चढ़ाते हैं, जब लोगों की मन्नत पूरी हो जाती है तो उसी वस्तु को वहां पर दान करते हैं।
नवविवाहित जोड़े और नए वाहन खरीदने वाले लोग अक्सर यहां पर गणेश जी का आशीर्वाद लेने के लिए आया करते हैं, इस मंदिर के गर्भ ग्रह में गणेश जी की तीन प्रतिमाएं हैं, चिंतामन, इच्छा मन, सिद्धिविनायक रूप, मान्यताओं के अनुसार चिंतामन चिंता से मुक्ति दिलाती है, और इच्छा मन इच्छा को पूरी करते हैं, और सिद्धिविनायक रूप सिद्धि प्रदान करते हैं।

बड़े गणेश जी मंदिर
उज्जैन का बड़े गणेश मंदिर प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर के समीप में स्थित है मंदिर परिसर में भगवान गणेश जी की एक विशाल प्रतिमा स्थित है, इसी वजह से इसे बड़े गणेश मंदिर के नाम से भी पुकारा जाता है
यह गणेश की विशाल प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची और विशाल प्रतिभाओं में से एक है, मान्यता है कि इस प्रतिमा को बनाने के लिए सीमेंट का प्रयोग नहीं बल्कि, गुड और मेथी के दाने के साथ-साथ तीर्थ स्थलों की जल और काशी, अयोध्या, अवंतिका, मथुरा की मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है।

द्वारकाधीश मंदिर
यह उज्जैन में स्थित एक ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है, यह मंदिर काली पत्थरों से बनाया गया है, इसके ऊपर की सीलन में भगवान कृष्ण की सुंदर सुंदर और गोपियां की चित्र बनाइए गई है, जो देखने में बेहद आकर्षक है।

शिप्रा नदी
मध्यप्रदेश में बहने वाली प्रमुख नदियों में से एक है, यह ऐतिहासिक नदी होने के साथ-साथ पवित्र नदी भी है, इसकी लंबाई लगभग 195 किलोमीटर और यह नदी चंबल नदी में मिलती है, अगर आप कभी उज्जैन शहर में जाए तो एक बार इस नदी का दर्शन जरूर करें।
उज्जैन में रहने की व्यवस्था
आप महाकालेश्वर मंदिर के आसपास बहुत ही कम कीमत में होटल बुकिंग कर सकते हैं, एक दिन का किराया लगभग ₹700 से लेकर 1000 तक के बीच होती है, महाकालेश्वर मंदिर के आसपास होटल बुकिंग करने के अनेकों फायदे हैं क्योंकि महाकालेश्वर मंदिर के आसपास ही उज्जैन में प्रसिद्ध घूमने की सभी जगह मौजूद है।
उज्जैन घूमने का खर्चा
यहां पर मैंने जितने भी जगह बताए हैं, इन जगहों पर आपको घूमने का खर्च बिल्कुल भी नहीं है, क्योंकि आप इन जगहों पर बिना टिकट, बिना एंट्री फी के भी घूम सकते हैं, और इन जगहों पर घूमने में आपको सिर्फ एक दिन का समय लगेगा, जो भी खर्च आएगा आपका किराए का और खाने पीने का और एक दिन होटल में ठहरने का।
मैंने यहां पर कितने भी उज्जैन में घूमने की जगह बताएं हैं, इन सभी जगहों पर घूमने के लिए आप एक ऑटोरिक्शा बुकिंग कर सकते हैं, जिसकी एक दिन की कीमत तकरीबन 400 से ₹500 के बीच होती है, और आप इन सभी जगहों को एक दिन में कवर कर ही लेंगे।
अगर आप इन जगहों पर घूमने के लिए रेंट पर बाइक या स्कूटी लेना चाहते हैं, तो भी आप ले सकते हैं इसके लिए आपको दिन का 300 से लेकर ₹500 पेमेंट करना होगा, कुल खर्च की बात करें तो आपको यहां बताए गए जगहों पर घूमने के लिए तकरीबन 2500 से लेकर ₹3000 तक खर्च करने पड़ेंगे।
उज्जैन कैसे जाएं
आप ट्रेन के माध्यम से जा सकते हैं या फिर बस के माध्यम से भी जा सकते हैं, आप किराया की गाड़ी या खुद की गाड़ी से भी वहां पर जा सकते हैं, हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो भी जा सकते है, लेकिन आपको इंदौर के लिए फ्लाइट टिकट बुक करना होगा और आपको वहां से टैक्सी या बस से उज्जैन पहुंचना पड़ेगा क्योंकि इंदौर से उज्जैन की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है।
भारत के मुख्य शहरों से उज्जैन की दूरी
शहर का नाम | उज्जैन की दूरी |
दिल्ली | 802.1 KM |
जयपुर | 511.7 KM |
जोधपुर | 564.8 KM |
कोलकाता | 1,659.7 KM |
मुंबई | 636.2 KM |
बैंगलोर | 1,395.0 KM |
अहमदाबाद | 394.1 KM |
हैदराबाद | 1,040.4 KM |
चेन्नई | 1,665.8 KM |
FAQ
मध्यप्रदेश राज्य में।
अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा आदि है।
पोहा,कचौरी,जलेबी,गुलाब जामुन,दाल बाफला,आलू बड़ा।
2 किमी. है।
निष्कर्ष
अब आपको उज्जैन में घूमने की कुछ जगहों के बारे में जानकारी मिल गई होगी अगर आपके इन जगहों से संबंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताइए हम आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे।