प्रस्तावना
ग्रीष्म ऋतु वर्ष की सबसे गर्म ऋतु होती है ग्रीष्म ऋतु 4 महीने की होती है मार्च से लेकर जून तक, जून का महीना सबसे अधिक गर्म होता है इसीलिए विद्यालयों में जून के महीने में अवकाश दिया जाता है, ग्रीष्म ऋतु के दौरान पृथ्वी का भाग सूर्य के बहुत ही करीब आ जाता है, जिसके कारण पृथ्वी के उस भाग पर सूर्य की सीधी किरणें पड़ती है परिणाम स्वरूप मौसम गर्म हो जाता है।
"ग्रीष्म, सबसे गर्म ऋतु कहलाती फिर भी सबके मन को है यह भाती।"
ग्रीष्म ऋतु में होने वाले परिवर्तन
ग्रीष्म ऋतु में दिन लंबे होते हैं और रातें छोटी हो जाती हैं बहुत अधिक गर्मी पड़ने के कारण धरती सुख जाती है पेड़ पौधे सब मुरझा जाते हैं बहुत से जगहों पर पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है घरों में हर समय पंखे, कूलर, ए.सी. चलने के कारण बिजली की आपूर्ति में भी कमी आ जाती है।
हर तरफ लोग गर्मी से परेशान दिखाई देते हैं वहीं दूसरी तरफ स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चे अति प्रसन्न होते हैं क्योंकि उन्हें एक माह का लंबा अवकाश जो मिलता है जिसको वो घूमने, खेलने-कूदने में बिताते हैं।
ग्रीष्म ऋतु की खूबियां
ग्रीष्म ऋतु में चाहे जितनी भी गर्मी पड़े इस की अपनी अलग ही खूबियां होती हैं ग्रीष्म ऋतु में हमें फलों का राजा आम खाने को मिलता है साथ ही साथ लीची, तरबूज, ककड़ी, खरबूज जैसे स्वास्थ्यवर्धक स्वादिष्ट फल भी ग्रीष्म ऋतु के साथ ही आते हैं।
अधिक गर्मी होने से जमीन पर सभी जहरीले कीटाणु मर जाते हैं गर्मी के दिनों में हम गन्ने के रस, जूस, लस्सी, नींबू-शिकंजी, नारियल पानी, आइसक्रीम, कुल्फी आदि का लुफ्त उठाते हैं।
ग्रीष्म ऋतु में होने वाली परेशानियां
अधिक गर्मी के कारण कुएं, तालाब, नदियां, आदि सूख जाती हैं तो इससे पशु-पक्षी भी प्यास के कारण तड़पने लगते हैं पेड़ पौधे भी सूख जाते हैं घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है।
तेज गर्मी में बाहर निकलने से लू लगने और बीमार पड़ने का खतरा रहता है गर्मी के मौसम में किसान खेतों को जोतकर तैयार करते हैं ताकि बारिश के मौसम में फसल लगाई जा सके।
ग्रीष्म ऋतु में रखने योग्य सावधानियां
गर्मी के मौसम में अधिक पसीना आने के कारण शरीर में पानी की कमी हो सकती है अतः पर्याप्त पानी पीते रहना चाहिए इसके साथ ही फलों का रस, गन्ने का रस, नींबू पानी, लस्सी आदि भी पीते रहना चाहिए इससे गर्मी से राहत मिलेगी, घर से बाहर कम से कम ही निकलना चाहिए अगर बाहर निकलना भी पड़े तो सिर को ढक कर ही निकले, इससे लू से बचने में मदद मिलती है।
उपसंहार
गर्मी का मौसम कुछ परेशानियों के साथ ढेर सारा आनंद और मस्ती लेकर भी आता है हमें गर्मी के मौसम में जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए और ठंडी वस्तुओं का सेवन भी करना चाहिए हमें बिजली और पानी की भी बचत करनी चाहिए।
जिससे इनकी उपलब्धता बनी रहे अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए और उन्हें नियमित रूप से पानी देना चाहिए ताकि गर्मी का प्रभाव कुछ हद तक कम किया जा सके इस प्रकार से हमें गर्मी का भरपूर आनंद उठाना चाहिए।
" सावधानी के साथ लुफ्त उठाएं गर्मी से राहत हेतु खूब पेड़ लगाएं।"