रांची, झारखंड,
14 फरवरी 2019
पुजनीय पिता जी,
सादर प्रणाम,
मैं यहां सकुशल हूं, आशा करता हूं कि आप सभी लोग सकुशल होंगे, पिताजी मेरे जीवन का लक्ष्य है कि मैं पढ़ लिख कर एक शिक्षित शिक्षक बनूं, जिससे अपने देश की गरीब छात्र-छात्राओं को शिक्षित कर सकूं, वैसे तो हर माता-पिता को अपने बेटे से कुछ ना कुछ उम्मीद होती है उसी की उम्मीद को मैं पूरा करूंगा और देश में शिक्षित युवा होंगे जिससे देश का विकास होगा साथ ही साथ दुनिया में देश का नाम रोशन होगा।
मैं अच्छा शिक्षक बनकर समाज के युवाओं को शिक्षा प्रदान करूंगा, गरीब व असहाय युवाओं की सहायता करना चाहता हूं, यही लक्ष्य लेकर मैं आगे बढ़ रहा हूं और आशा करता हूं कि आपका आशीर्वाद और मेरा परिश्रम इस उपलब्धि को प्राप्त करने में मुझे सफल बनाएगा, माता एवं बड़ों को मेरा प्रणाम तथा छोटों को स्नेह आशीष।
आपका आज्ञाकारी पुत्र
अनिल सिन्हा