प्रस्तावना
भारत अनेक महापुरुषों की जन्मभूमि है राम,कृष्ण, गौतम बुद्ध, महावीर, गुरु नानक जैसे अनेक संत महात्माओं ने जन्म लेकर इस भूमि को पवित्र किया है आधुनिक युग में एक ऐसे ही अहिंसा के अवतार महात्मा गांधी ने जन्म लिया जिसने हमें ना केवल सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया बल्कि हमें दासता के बंधन से मुक्त भी करवाया।
"दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल।"
गांधी जी का जन्म
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को काठियावाड़ के पोरबंदर नामक स्थान में हुआ था इनके पिता का नाम करमचंद और माता का नाम पुतलीबाई था।
गांधी जी की शिक्षा
इनकी प्रारंभिक शिक्षा राजकोट में हुई थी जब यह 13 वर्ष के थे तभी इनका शादी कस्तूरबा गांधी से हो गयी मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद वे वकालत की शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड चले गए तथा बैरिस्टर बनकर भारत लौटे।
एक मुकदमे की पैरवी के लिए उन्हें दक्षिण अफ्रीका भी जाना पड़ा जहां अंग्रेजों के रंगभेद नीति का शिकार होना पड़ा था गांधी जी ने उसके विरुद्ध आवाज उठाई तथा सफलता भी प्राप्त की।
गांधी जी का जीवन आदर्श
दक्षिण अफ्रीका से लौटकर इन्होंने भारत में भी अहिंसात्मक आंदोलन चलाने का निश्चय किया तथा भारत की स्वतंत्रता के लिए जुट गए गांधी जी ने सत्याग्रह को अपना अस्त्र बनाया गांधीजी के आंदोलन में सारा भारत कूद पड़ा।
सन 1921 में इन्होंने ‘असहयोग आंदोलन’ चलाया जिससे गोरा सरकार हिल गई इनके नेतृत्व में जनता ने विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया सन् 1930 में ‘नमक सत्याग्रह’ तथा सन् 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ भी चलाया अंग्रेजों ने अनेक बार इन्हें बंदी बनाया तथा जेल में बंद भी कर दिया था।
लेकिन अंत में अंग्रेजी सरकार को झुकना पड़ा और 15 अगस्त 1947 को हमारे देश भारत को स्वाधीनता मिली देश के विभाजन के समय हिंसा रोकने के लिए गांधीजी ने उपवास किया तथा हिंदू मुस्लिम एकता स्थापित की गांधीजी ने अछूतोद्वार के लिए कार्य भी किया गांधीजी ने स्वदेशी वस्तुओं तथा खादी के उपयोग पर भी विशेष बल दिया गांधी जी भारत में रामराज्य देखना चाहते थे।
उपसंहार
सत्य अहिंसा तथा मानवता के इस पुजारी को 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे नामक एक व्यक्ति ने एक प्रार्थना सभा में गोली मारकर हत्या कर दी जिससे सारे दुनिया में शोक छा गया गांधी जी भारत के राष्ट्रपिता थे इन्हें बापू के नाम से भी जाना जाता था उनकी शिक्षा आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रही है।