निबंध का शाब्दिक अर्थ होता है निश्चित बंध। अर्थात लेखक, व्यक्ति, साहित्यकार, के भावों एवं विचारों को एक सूत्र में बांधना निबंध कहलाता है।
जब लेखक, व्यक्ति, साहित्यकार के द्वारा अपने विचारों एवं भाव को क्रमबद्ध, सुंदर, सुगठित एवं सुबोध भाषा में व्यक्त करता है तो उस रचना को निबंध कहते हैं।
निबंध लेखन वास्तव में एक कला है और इस कला का पूरा ज्ञान होना जरूरी है। यह विषय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर निबंध पूछे जाते हैं। निबंध इस मायने में महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें विचारों की एक श्रृंखला होती है, क्रमबद्ध होती है। विद्यार्थी यह समझते हैं कि वे निबंध लिखने में पारंगत हैं, लेकिन वास्तव में स्थिति इससे भीन्न है क्योंकि हमारे मन में जो भी विचार आता है हम सोचते हैं कुछ भी निबंधओं में लिख सकते हैं, लेकिन निबंध का अपना एक विज्ञान है उसकी एक अलग कला है वह कौशल है।
निबंध के प्रकार
मुख्य रूप से निबंध चार प्रकार के होते हैं-
- वर्णनात्मक निबंध
- विवरणात्मक निबंध
- विचारात्मक निबंध
- भावात्मक निबंध।
वर्णनात्मक निबंध — वह निबंध जिनमें किसी प्राणी वस्तु व स्थान का वर्णन किया जाता है। जैसे —एक शाम नदी किनारे, पुस्तक प्रदर्शनी।
विवरणात्मक निबंध — वे निबंध जिनमें किसी युद्ध, यात्रा, ऐतिहासिक घटना एवं सहासिक कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया जाता है।
विचारात्मक निबंध — वे निबंध जिनमें लेखक गंभीर विषयों पर चिंतन मनन कर लिखता है निबंधों में बुद्धि की प्रधानता होती है तथा विचारों की प्रमुखता होती है जैसे—दहेज एक अभिशाप, बढ़ता प्रदूषण।
भावात्मक निबंध — वे निबंध जिनमें भावनाओं की प्रधानता होती है इस प्रकार के निबंध व्यक्ति की संवेदनशीलता को प्रकट करते हैं इसमें प्रेम, क्रोध, मित्रता, सत्संगति, ईर्ष्या जैसे भावों पर निबंध लिखते हैं।
निबंध लिखते समय हमें किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- भाषा
- शैली
- भाव व विचार
भाषा — निबंध लेखन में भाषा का विशेष महत्व होता है निबंध लेखन में हमेशा भाषा शुद्ध होनी चाहिए और व्याकरण संबंध तथा सरल भाषा में होनी चाहिए।
शैली — भाषा को जो लिखने की शैली होती है उसमें साहित्य गुणों से संपन्न और निबंधकार के निजी पन को प्रकट करती है।
भाव व विचार — भाव और विचारों का जो अभिव्यक्ति है वह क्रमबद्ध गंभीर और विषय के अनुरूप होना चाहिए।
अच्छा निबंध कैसे लिखें?
- मुहावरों का यथास्थान प्रयोग करने से निबंध में प्रभावउत्पादकता बढ़ जाती है।
- निबंध में एक बिंदु पूरा होने पर ही दूसरे बिंदु को शुरू करना चाहिए।
- वाक्य रचना में कसावट या सहजता का ध्यान रखना चाहिए।
- भूमिका और उप संहार में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
- निबंध के विषय के अनुरूप वर्णन उदाहरण कल्पना अथवा विश्लेषण होना चाहिए।
- पॉइंट बनाकर लिखना चाहिए।
- शीर्षक को उपशीर्षक में बांट लेना चाहिए।
- परिचय को विस्तार पूर्वक लिखना चाहिए।
- उदाहरण कहावत लोकोक्तियां मुहावरे के माध्यम से लिखें।
- सभी शिक्षकों को रेखांकित कर देना चाहिए।
- पैराग्राफ बना कर लिखना चाहिए।