आसमान को छूती हुई बर्फ की ऊंची ऊंची चोटियां जिनकी खूबसूरती देखकर हर किसी का मन हिमालय में रम जाता है, हिमालय के केंद्र कैलाश को स्वयं भगवान शिव का स्थान कहा जाता है।
हिमालय कितना खूबसूरत है इसका इतिहास कितना प्राचीन है शायद आपने भी कभी न कभी सोचा होगा, वैसे हिमालय हमारे लिए सिर्फ एक पहाड़ नहीं बल्कि हिंदुस्तान की सरहदों की सुरक्षा करने वाला सिपाही और जीवन देने वाली गंगा, यमुना जैसी नदियों का परदादा भी है।
आपको यह बता दें कि आप जिस हिमालय को आज देखते हैं उस पर्वत श्रृंखला की जगह कभी समुंद्र हुआ करता था।
Himalaya Ka Nirman Kaise Hua | हिमालय का निर्माण कैसे हुआ?
हिमालय पर्वत जो आज हमें और आपको शान से आसमान को चीरता हुआ दिखाई देता है वह आज से 11 करोड़ साल पहले वहां नहीं था और उसके नाम पर टेथिस महासागर नाम का एक समुद्र हुआ करता था, दरअसल हिमालय के बनने के करीब 33 करोड़ साल पहले धरती पर जमीन का एक ही टुकड़ा था।
जिसका नाम था पैंजिया, यानि की आज जो हमारे साथ कॉन्टिनेंट्स है कभी वह एक ही जमीन का टुकड़ा हुआ करते थे पैंजिया के रूप में, पहले पैंजिया में अंदरूनी हलचलें होती रही लेकिन यह एक ही बना रहा, लेकिन फिर 17 करोड साल पहले पैंजिया दो टुकड़ों में टूट गया और पैंजिया के इन्हीं टुकड़ों का नाम लॉरेशिया और गोंडवाना लैंड था।
इसके बाद लॉरेशिया टूट कर तीन भागों में महाद्वीप बने जैसे-उतरी अमेरिका, यूरोप और एशिया के कुछ हिस्से, गोंडवाना के टूटने के बाद इंडियन प्लेट यूरेशियन प्लेट की तरफ बढ़ने लगी।
यहां पर यूरेशियन प्लेट से मेरा मतलब तब पूरे यूरोप और एशिया जिस पर बसे थे उससे है और फिर 5 करोड़ साल पहले ये इंडियन प्लेट इस यूरेशियन प्लेट में जा घुसी, यहां पर आपको यह भी बता दूं कि उस वक्त उसी यूरेशियन प्लेट का हिस्सा था और इस प्लेट के नीचे एक समुद्र हुआ करता था जिसका नाम था टेथिस सागर।
अब इंडियन प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकराई तो दोनों प्लेट के बीच जबरदस्त टकराव हुई और समुंदर के अंदर जो रेत पत्थर और दूसरी तरह का मलवा था उनसे एक विशाल माउंटेन रेंज की शक्ल ले ली और आज उसी माउंटेन रेंज को दुनिया की सबसे विशाल पर्वत को आज हिमालय पर्वत के नाम से जाना जाता है।
आपको यह भी बता दें कि यह इंडियन प्लेट आज भी यूरेशियन प्लेट में घुसती जा रही है जिस वजह से हिमालय की ऊंचाई हर साल बढ़ रही है और चूंकि दोनों प्लेट्स लगातार एक दूसरे में धंस रही है तो इसके कारण इन पहाड़ों को कमजोर भी माना जाता है और इसलिए दुनिया की दूसरी चोटियों की तुलना में ज्यादा चट्टाने टूटती हैं, इसीलिए लैंडस्लाइड देखने को मिलती हैं।
हिमालय के रहस्य
हिमालय की चोटियों पर जब सूर्य की किरणें पड़ती है तो नजारा बेहद ही शानदार होता है जो सच में देखने लायक होता है, हिमालय पर्वत में स्वच्छ पानी के कई स्रोत मौजूद हैं, जैसे सिंधु नदी गंगा नदी और ब्रह्मपुत्र वैसे देखा जाए तो हिमालय पर्वत पर हर रोज पर्यटकों का तांता लगा रहता है, लेकिन कुछ ऐसी भी जगहें हैं, जहां आम पर्यटकों का पहुंच पाना बहुत ही मुश्किल है।
हिमालय पर्वत आज के समय में तारीफ का मोहताज नहीं है, लेकिन हिमालय पर्वत खूबसूरती की सफेद सफेद चादर ओढ़े अपने अंदर कई रहस्य छुपाई हुई है जिन्हें अभी तक कोई सुलझा नहीं सका है विज्ञान भी इन रहस्य को सुलझाने में घुटने टेकते नजर दिखाइए दे रही है, यहां पर मैंने हिमालय पर्वत पर मौजूद पांच रहस्यमय जगह के बारे में चर्चा किया है।
1. Mysterious Yogi
प्राचीन काल से लेकर अब तक हिमालय की ऊंची पर्वत पर कई ऋषि-मुनियों कठोर तपस्या करने के लिए जाते रहे हैं, और फिर वे यहीं के होकर रह जाते हैं लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि इतनी ठंड इलाके में बिना भोजन और कपड़े के रहना कोई आम बात नहीं है।
लेकिन इसके बावजूद यहां पर कई योगी रहते हैं, यह सभी योगी इतनी दूर एकांत स्थानों पर तपस्या करते हैं जो कि एक आम इंसान की पहुंच से काफी दूर है,इसीलिए इन्हें देखना किसी सहयोग से कम नहीं माना जाता है।
एक सैनिक ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया था जिसमें -20 डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान पर एक योगी को बैठे देखा गया, ऐसे में हैरानी वाली बात यह है कि इतने कम तापमान में जहां गर्म कपड़े पहन कर भी आम लोगों का शरीर बीमार पड़ जाता है, वही वह योगी सिर्फ एक लंगोट पहन कर मजे से चलते हुए दिखाई भी दिया और कुछ देर के बाद वह धीरे-धीरे आंखों से ओझल हो गया।
हिमालय की ऊंची पर्वतों पर इन ठंडे इलाकों में रहने वाले योगियों की उम्र का पता लगा पाना वाकई में किसी रहस्यमय से कम नहीं है, लोग कहते हैं कि इन्होंने कठोर तपस्या करके अपने शरीर को इतना मजबूत बना लिए हैं, कि इनके शरीर पर बाहरी वातावरण का कोई असर नहीं पड़ता कहा जाता है कि इनकी उम्र लगभग 100 वर्षों से भी ज्यादा होती है।
2. Gangkhar Puensum
7570 मीटर ऊंचाई पर स्थित Gangkhar Puensum दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत मानी जाती है यह भूटान और चीन के मध्य स्थित है, पर्वत इतनी रहस्यमय है कि आज तक इस इस पर्वत के शिखर पर कोई नहीं पहुंच सका दुनिया में यह एक ऐसा अकेला पर्वत है जिसकी चोटी पर अभी तक कोई नहीं चढ़ सका है।
कुछ लोगों का कहना है कि इस विशाल पर्वत पर अर्ध मानव यती और इति रहते हैं, स्थानीय लोगों के अलावा और कई पर्वतारोहियों यती और इति को दखने को लेकर दवा किए लेकिन जब भारतीय सेना ने भी इसे देखे जाने का खुलासा किया तो सभी के पैरों तले जमीन खिसक गई भारतीय सेना के द्वारा जारी किए गए ट्वीट में यह कहा गया कि पहली बार भारतीय सेना के माउंटिंग एक्सपीडिशन टीम ने मकालु बेस कैंप के पास 32*15 इंच वाले रहस्यमय यती के पैर के निशान देखे हैं।
कुछ लोग यती को हिम भी कहते हैं यह घटना Makalu Barun National Park की है, यती के बारे में कहा जाता है कि यह हिम का बना एक विशाल मानव है, जिसके पूरे शरीर पर बाल होते हैं और इंसानों की तरह चलते फिरते भी हैं।
3. Gayanganj
हिमालय की ऊंची पर्वत ऊपर कई रहस्य छिपे हुए हैं और ज्ञानगंज मठ भी इन्हीं में से एक है यह एक ऐसा छोटा सा स्थान है जो SHANGRI-LA, SHAMBHALA और SIDDHASHRAMAN आश्रम के नाम से भी जाना जाता है, लोगों का कहना है कि यहां रहने वाले सभी जीव अमर हैं, और उसकी मृत्यु कभी नहीं हो सकती है लेकिन इस मठ में केवल सिद्ध महात्माओं को ही स्थान दिया जाता है।
आम इंसान यहां नहीं पहुंच सकता है यह स्थान तिब्बत और अरुणाचल प्रदेश के बीच में मौजूद है, मान्यताओं के अनुसार इस स्थान पर जाने से किसी भी वस्तु या इंसान का दुनिया से अस्तित्व खत्म हो जाता है यहां अमर होने का राज छिपा हुआ है, वाल्मीकि रामायण और महाभारत में भी ज्ञानगंज का जिक्र किया गया है, धार्मिक ग्रंथों में सिद्ध आश्रम के नाम से उल्लेख मिलता है।
4. Kongka La
कोंगका ला दर्रा भी बड़ी मिस्ट्री से कम नहीं है कहा जाता है कि इस जगह पर एलियंस रहते हैं एलियंस हंटर्स का कहना है कि इस जगह पर रहने वाले लोगों ने यहां पहाड़ों के ऊपर UFO को उड़ते हुए कई बार देखा है स्थानीय लोगों के साथ-साथ कुछ पर्यटकों का दावा है कि यहां UFO का दिखाई देना एक आम बात है।
आपको बता दें कि यह रहस्यमय जगह लद्दाख में स्थित है यहां जाना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि यह दर्रा बर्फ से ढका रहता है, 1962 में भारत और चीन के युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच एक सहमति पर हस्ताक्षर किया गया इसके तहत दोनों देशों के आर्मी जवान इस स्थान पर मार्च नहीं कर सकते हैं, इन्हें केवल दूर से ही इसे निगरानी करने की ही इजाजत है कहते हैं कि लोगों की कम आने जाने की वजह से एलियंस अपने UFO को लेकर यहां आते जाते रहते हैं अभी तक वैज्ञानिक इस रहस्य को समझ नहीं पाए हैं।
5. Gurudongmar Lake
गुरूडोंगमर झील सिक्किम के लाचिन में करीब 5430 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, यह खूबसूरत झील दुनिया की सबसे ऊंची झीलों में से एक है।
बताया जाता है कि जब गुरु नानक जी तिब्बत जा रहे थे तब उनको रास्ते में बहुत जोर का प्यास लगी मगर प्यास बुझाने के लिए यहां पानी का कोई सोर्स नहीं था केवल बर्फ के शिवाय, तब उन्होंने इसी स्थान पर अपनी छड़ी से बर्फ को छेद कर झील बना दिए थे।
कहते हैं कि बहुत ठंड के वक्त में भी इस झील का एक हिस्सा कभी नहीं जमता है वह पानी के रूप में मौजूद रहता है तब से इस पवित्र झील की काफी मान्यता है इस झील को सीख, बौद्ध और हिंदुओं का पवित्र स्थल माना जाता है।
FAQ
न्यूनतम -30 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम -22 डिग्री सेल्सियस।
हिमगिरी, हिमाचल, गिरिराज, पर्वतराज, नगपति, हिमपति, नगराज, हिमाद्रि, नगेश।
8,849 मीटर।
लगभग 40 किमी है।
निष्कर्ष
आपने इस लेख में आपने जाना कि हिमालय का निर्माण कैसे हुआ और भी बहुत कुछ आपको इस लेख के माध्यम से हिमालय पर्वत के बारे में जानने को मिला होगा लेकिन फिर भी अगर आपके मन में इस लेख से संबंधित कोई सवाल हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताइए हम आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की पूरी कोशिश करेंगे।