भूमंडलीकरण पर निबंध – Globalization Essay in Hindi

प्रस्तावना

पिछले कुछ दशकों में वैश्वीकरण या भूमंडलीकरण बहुत तेजी से हुआ है। भूमंडलीकरण या वैश्वीकरण का अर्थ- किसी व्यापार को पूरी दुनिया तक फैलाना, लेकिन अब भूमंडलीकरण या वैश्वीकरण का अर्थ केवल इतना ही नहीं रह गया है, अब भूमंडलीकरण या वैश्वीकरण अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के बीच उत्पादों, व्यापार तकनीकी, दर्शन, व्यवसाय, कारोबार, कंपनी आदि के ऊपर भी लागू होता है।

भूमंडलीकरण का अर्थ

भूमंडलीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें किसी देश की अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत होती है।
अथवा क्षेत्रीय वस्तुओं या घटनाओं के विषय स्तर पर रूपांतरण की प्रक्रिया भूमि मंडलीकरण कहलाती है।

भूमंडलीकरण के प्रकार

आर्थिक वैश्वीकरण– वैश्वीकरण के प्राथमिक पहलुओं में से एक आर्थिक वैश्वीकरण है। इसमें सीमाओं के वस्तुओं, सेवाओं, पूंजी और सूचना का मुक्त प्रवाह शामिल है। वैश्विक अर्थव्यवस्था अब बहुराष्ट्रीय निगमों, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौतों और वित्तीय बाजारों के एकीकरण की विशेषता है। जबकि आर्थिक वैश्वीकरण ने दुनिया भर में आर्थिक विकास और उत्पादों तक पहुंच को बढ़ाया है।

सांस्कृतिक वैश्वीकरण– सांस्कृतिक वैश्वीकरण का तात्पर्य विचारों, मूल्यों, भाषाओं और परंपराओं के सीमाओं के प्रसार से है। इंटरनेट और जनसंचार माध्यमों के प्रसार ने वैश्वीकरण के इस पहलू में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जैसे-जैसे संस्कृतियाँ एक-दूसरे से संपर्क करती हैं और एक-दूसरे को प्रभावित करती हैं, इससे सांस्कृतिक समरूपीकरण हो सकता है, जहाँ स्थानीय परंपराएँ कमजोर हो जाती हैं या लुप्त हो जाती हैं। लेकिन, यह वैश्विक सांस्कृतिक परिदृश्य को समृद्ध करते हुए सांस्कृतिक आदान-प्रदान और प्रशंसा के अवसर भी प्रदान करता है।

पर्यावरण वैश्वीकरण – वैश्वीकरण का पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ा है। बढ़ते व्यापार और औद्योगीकरण के कारण संसाधनों का दोहन और पर्यावरण का क्षरण हुआ है। लेकिन, इसने जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को भी सुविधाजनक बनाया है। वैश्वीकरण के युग में पर्यावरणीय स्थिरता के साथ आर्थिक विकास को संतुलित करना एक महत्वपूर्ण चुनौती है।

भूमंडलीकरण से लाभ

  • भूमंडलीकरण या वैश्वीकरण के कारण ही विश्व के बाजार तक विभिन्न कंपनियों की पहुंच संभव हो पाई। है इसी कारण विकसित और विकासशील देशों को अत्यंत आर्थिक लाभ हुआ है।
  • परस्पर व्यापार से विश्व शांति की दिशा में महत्वपूर्ण मदद मिल सकती है। अधिक संख्या में नए उद्योगों की स्थापना और रोजगार के नए अवसरों का सृजन हुआ है।
  • यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विविध परंपराओं को साझा करने को बढ़ावा देता है, जिससे सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ती है।
  • लोगों के जीवन स्तर में सुधार के साथ ही क्रय शक्ति को भी बढ़ावा मिला है। अतः भूमंडलीकरण या वैश्वीकरण से विकास की राह पर विकासशील देशों को अधिक मदद मिली है।
  • भूमंडलीकरण या वैश्वीकरण के कारण ही भारतीय छात्र इंटरनेट से परिचित हुए हैं। इंटरनेट के कारण ही भारत देश में एक नई क्रांति आई है।
  • भूमंडलीकरण या वैश्वीकरण के चलते ही हमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी वृद्धि देखने को मिलती है।
  • भूमंडलीकरण या वैश्वीकरण के कारण ही कृषि क्षेत्र में उत्पादन बड़े स्तर पर प्रभावित हुआ है।

भूमंडलीकरण से हानियां

भूमंडलीकरण या वैश्वीकरण से जहां बहुत सारे फायदे हैं तो वहीं भूमंडलीकरण से नुकसान भी हैं भूमंडलीकरण या वैश्वीकरण वातावरण पर बहुत से नकारात्मक प्रभाव डालता है और कई तरह से पर्यावरण को प्रभावित करता है। जैसे- जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, जल संसाधनों का प्रदूषण होना, मौसमों का बदलना, वनों का काटा जाना, जैव विविधता को हानि आदि। ये सभी बढ़ते हुए पर्यावरणीय मुद्दे भविष्य में पृथ्वी पर जीवन की अस्तित्व खत्म कर सकते हैं।

भूमंडलीकरण के कारण विश्व में आर्थिक असंतुलन पैदा हो रहा है। गरीब राष्ट्र अधिक गरीब एवं अमीर राष्ट्र अधिक संपन्न हो रहे हैं। इसी प्रकार देश में भी गरीब एवं अमीर व्यक्तियों के बीच विषमता बढ़ रही है। स्थानीय संस्कृतियों पर वैश्विक प्रभावों का प्रभाव पड़ सकता है, जिससे संभावित रूप से सांस्कृतिक समरूपीकरण हो सकता है। भूमंडलीकरण के कारण स्थानीय उद्योग धीरे-धीरे बंद होते जा रहे हैं। विदेशी माल की प्रतियोगिता के सामने देसी उद्योग टीक नहीं पाते हैं, उनका माल बिक नहीं पता है या घाटे में बेचना पड़ता है। यही कारण है कि देश में कई उद्योग बंद हो गए हैं या बंद होने की कगार पर हैं।

भूमंडलीकरण की विशेषताएं

  • इसमें विश्व स्तर पर व्यापार बाधाओं को कम करने का प्रयास किया जाता है, ताकि दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का स्वतंत्र और सुचारू रूप से आवागमन हो सके।
  • भूमंडलीकरण के तहत विभिन्न राष्ट्रों के बीच पूंजी का मुक्त प्रवाह होता है जिससे पूंजी का निर्माण संभव होता है।
  • श्रमिक वर्ग और कर्मियों को राष्ट्र से दूसरे राष्ट्र में स्वतंत्र रूप से स्थानांतरित करना संभव है।
  • भूमंडलीकरण अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुगम बनाता है।
  • भूमंडलीकरण या वैश्वीकरण से मजदूर बड़ी संख्या में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र या एक देश से दूसरे देश में चले जाते हैं।

उपसंहार

भूमंडलीकरण (वैश्वीकरण) के सकारात्मक आयाम के साथ ही इसके नकारात्मक प्रभाव को हमें नहीं भूलना चाहिए। एक देश से दूसरे देश के बीच में यातायात के साधनों द्वारा घातक बीमारियों और छूत की बीमारियां होने का जोखिम बढ़ गया है। मानव जीवन पर भूमंडलीकरण (वैश्वीकरण) के बुरे प्रभाव को रोकने के लिए सभी देशों की सरकारों का भूमंडलीकरण या वैश्वीकरण पर पूरा नियंत्रण होना चाहिए।

वैश्वीकरण एक परिवर्तनकारी शक्ति है जिसने हमारी दुनिया को गहन तरीकों से नया आकार दिया है। हालाँकि यह आर्थिक विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और तकनीकी उन्नति के अवसर लाता है, लेकिन यह असमानता, सांस्कृतिक संरक्षण और पर्यावरणीय स्थिरता से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

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