प्रस्तावना
गांव का जीवन सादगी भरा हुआ होता है, गांव में रहने वाले लोगों का जीवन बहुत ही साधारण होता है,उनका पूरा जीवन कृषि पर निर्भर होता है, गांव का शुद्ध वातारण सभी को पसंद होता है, लोग अक्सर शहरी जीवन से परेशान होकर गांव का शांत वातारण और प्रकृतिक सुंदरता को बहुत ही पसंद करते है, गांव के लोग बहुत ही मेहनती होते हैं, गांव के लोग बनावटी और दिखावे के जीवन से दूर रहते है।
ज्यादातर लोग गांव में जल्दी उठ जाते हैं, दिन की शुरुआत से ही लोग अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त हो जाते हैं, गांव में घरों के पुरुष बाहर जाकर काम करते हैं और औरतें घर संभालते हैं, गांव के लोगों का खान पान भी साधारण होता है, गांवों के लोग फास्ट फूड खाना पसंद नहीं करते हैं, गांव के लोग साधारण जीवन बयातित करते हैं।
सामाजिक व अपनत्व
गांवों के लोग हमेशा एक साथ मिलकर रहते हैं, गांव के सभी लोगों के साथ मिल जुल कर त्यौहार मनाते हैं, गांव के लोगों में अपनापन ज्यादा होता है और वे सभी वयक्तियों की इज्जत करते हैं, गांव के लोग ज्यादातर एक दूसरे के परिवार के सदस्यों से मिलजुल कर रहते हैं, गांव के लोगों के पास ज्यादा धन नहीं होती है,लेकिन फिर भी वे संतुष्टि भरा जीवन वयतित करते हैं।
भारतीय ग्राम
भारत एक गांवों का देश है, यहां की अधिकतर जनसंख्या गांवों में रहती है, यहां के लोग भारतीय कृषि पर ही निर्भर करते हैं, सादा जीवन उच्च विचार यही भारतीय ग्रामों की पहचान है, जब भी मन में भारतीय ग्राम का विचार आता है तो खेतों में दूर दूर तक लहलहाती हुई हरी भरी फसलें, कड़ी धूप और खुले आसमान के नीचे काम करते हैं।
पेड़ों की ताजी हवा, ताजी और शुद्ध दूध, रसायनों से मुक्त ताजी ताजी सब्जियां और गावों की चौपालों की रौनक आदि चीजें आज भी भारत वासियों को गांव की ओर खींचती हुई लाती है, सभी ग्राम वासियों का एक दूसरे के लिए लगाव उनका एक दूसरे की प्रति मदद के लिए सदा तत्पर रहना गांवों की विशेषताएं हैं।
ग्रामीण जीवन की विशेषताएं
भारतीय ग्रामीण जीवान कृषि पर आधारित है कृषि ही लोगों का प्रमुख व्यवसाय होता है, गांव में मैजूद जो लोग कुछ अन्य व्यवसाय भी करते हैं तो उनका व्यवसाय प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर ही निर्भर करता है, शहरी लोग तीज त्यौहार को भूल चुके हैं लेकिन गावों के लोग आज भी भारतीय सभी तयोहरों को मनाते हैं।
शहरों की अपेक्षा गावों में शुद्ध प्राकृतिक वातावरण मिलता है गांवों की हवा बिल्कुल शुद्ध होती है, यहां ना तो वाहनों से निकलने वाला धुआं है ना ही डीजे का शोर है, यहां के लोग कुलर पंखों के बिना ताजी हवा का आनंद लेना पसंद करते हैं, ग्रामीण लोगों का पहनावा ओडावा भी बहुत साधारण होता है, गांव के लोग शादी विवाह भी बहुत धूम धाम से मनाते हैं, ग्रामीण लोगों की शादी भी बहुत साधारण होती है।
ग्रामीण जीवन की समस्याएं
आज के समय मे हर इंसान सुविधा चाहता है और यह सत्य है कि गावों में शहरों की अपेक्षा सुविधाएं नाम मात्र की भी नहीं होती है, गावों में रहने वाले लोग अपनी हर एक जरूरत के लिए शहरों पर निर्भर करते हैं, उन्हें हर छोटी सी छोटी जरूरत के लिए शहर जाना पड़ता है, जिससे उनका समय और पैसा दोनों ही व्यर्थ होता है, गावों में शिक्षा का एक बहुत ही अभाव है।
शिक्षा विकाश का एकमात्र साधन स्कूल है और वह गांव में मवजूद नहीं है, गांवों में विकास की रफ्तार धीमी है, गांवों में परिवहन के भी साधनों का अभाव है, यहां रोजगार के आवशरों की भी कमी बहुत है, ग्रामीण लड़कों लड़कियों में शिक्षा की कमी है खासकर लड़कियों में शिक्षा की कमी अधिक देखी गई है।
गावों में शहरों की तरह मनोरंजन के साधन जैसे सिनेमाघर, गार्डन, चौपाटी नहीं होते हैं, गावों में मौसम की मार से किसान परेशान रहते हैं, वर्षा की बढ़ती अनियमितता का सबसे गहरा असर कृषि पर ही पड़ता है लगातार कई वर्षों से वर्षा का स्तर कम होता जा रहा है और इसका असर किसानों पर पड़ रहा है, गावों में बिजली की भी बहुत ही अभाव होता है, गावों में इंटरनेट आदि की भी सुविधाएं नहीं होती है साथ ही साथ महंगाई से किसान बहुत परेशान हो रहे हैं।
मेरा ग्रामीण जीवन
मेरा नाम राहुल है, और मैं सातवीं कक्षा का छात्र हूं, मैं सुबह 5:00 बजे सो कर उठ जाता हूं, और अपने फसलों को देखने के लिए खेतों की तरफ घूमने के लिए चला जाता हूं, और फिर घर आकर मम्मी को खाना पकाने में सहयोग करता हूं, और फिर अपने घर के पास वाली नदी में जाकर स्नान करने के बाद नाश्ता करके 7:30 बजे स्कूल चला जाता हूं।
स्कूल से मैं दोपहर 2:30 बजे घर चला आता हूं, और पिताजी को सहयोग करने के लिए खेतों पर काम करने के लिए चला जाता हूं, शाम 4:00 बजे तकरीबन मैं अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने के लिए चला जाता हूं, और शाम के समय नहा धोकर 7:00 से 8:00 तक स्टडी करने के बाद अपने घर परिवार वालों के साथ भोजन करने के बाद 9:00 बजे रात को सो जाता हूं।
रविवार के दिन मैं अपने दोस्तों के साथ अपने अपने बकरियों को लेकर घास चराने के लिए पहाड़ों पर जाया करते हैं, और हम लोग अलग-अलग मौसम में अलग-अलग जंगली फलों का आनंद लेते हैं, और अक्सर हम स्कूल छुट्टियों के दिनों में अपने पास के जंगलों में घूमना खूब पसंद करते हैं, क्योंकि हमारे पास के पहाड़ो में बहुत सारे जंगली कंदमूल और अलग-अलग प्रकार की खाने की सब्जियां और फलों की अलग-अलग प्रजातियां पाई जाती है, जो बहुत ही स्वादिष्ट होती है।
उपसंहार
ग्रामीण जीवन बड़ा ही सुन्दर और प्रकृति की सादगी से जुड़ा हुआ होता है, देश की सुंदरता गावों से ही होती है, सरकार को अपनी तरफ से और अधिक योजनाएं बनानी चाहिए ताकि गावों की जिंदगी बेहतर हो सके, सारी सुविधाएं को गावों में भी शहरों की तरह लागू करना चाहिए।