खेलकूद का महत्व पर निबंध –  Essay on Importance of Sports in Hindi

प्रस्तावना

खेलकूद शिक्षा का अनिवार्य अंग है, खेल हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है, अच्छी शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों का शारीरिक, मानसिक और नैतिक विकास करना है, अच्छे स्वस्थ शरीर में ही प्रखर मस्तिष्क रह सकता है, मतलब खेलकूद हमारे दिमागी विकास में लाभकारी होता है।

यदि कोई व्यक्ति शरीर से दुर्बल हो तो उसका दिमाग तेज नहीं हो सकता है, खेल व्यायाम का सबसे अच्छा साधन माना जाता है खेल ही हमारे शरीर को हष्ट-पुष्ट गतिशील एवं   स्फूर्तिवान बनाता है, शिक्षा में खेल कूद उतने ही आवश्यक है जितना पढ़ाई के लिए पुस्तकें, पुस्तकों से मन और आत्मा का विकास होता है शारीरिक विकास के लिए व्यायाम जरूरी है जो हमें खेलों के माध्यम से होता है।

खेल कूद का महत्व

खेलकूद से विद्यार्थियों में नेतृत्व, आज्ञा पालन, सम्मान लक्ष्य के लिए मिलकर काम करना, खेल की भावना, साहस, सहनशीलता जैसे आवश्यक सद्गुणों का विकास होता है, इन गुणों से संपन्न स्वस्थ शरीर के बालक ही आगे चलकर देश के योग्य नागरिक बन सकते हैं।

खेलकूद से शरीर की अच्छी कसरत भी हो जाती है व्यापक अर्थ में शिक्षा से तात्पर्य केवल मानसिक विकास से ही नहीं है बल्कि सर्वांगीण विकास से है, सर्वांगीण विकास के लिए शारीरिक विकास आवश्यक है और शारीरिक विकास के लिए खेल कूद और व्यायाम का विशेष महत्व है शिक्षा के अन्य क्षेत्रों में भी खेलकूद की उपयोगिता है, देश रक्षा के लिए सेना को योग्य व शक्तिशाली युवाओं की आवश्यकता होती है।

खेलकूद के प्रकार

शरीर को शक्तिशाली स्फूर्तिमय और मन को प्रसन्न बनाने के लिए जो कार्य किए जाते हैं उन्हें हम खेलकूद, क्रीडा या व्यायाम कहते हैं, खेल कूद और व्यायाम से शरीर में तीव्र गति से रक्त संचार होता है खेल कई तरह के होते हैं जिन्हें मुख्यत: दो भागों में बांटा गया है।

  1. इनडोर
  2. आउटडोर

इनडोर खेल जैसे-कैरम, लूडो, सांप-सीढ़ी, तास आदि यह मनोरंजन के साथ-साथ बौद्धिक विकास में सहायक होते हैं, आउटडोर खेल जैसे-क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, बैडमिंटन, टेनिस, वॉलीबॉल आदि शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में लाभदायक होते हैं।

आउटडोर खेलों के लिए बड़े मैदानों की आवश्यकता होती है यह खेल हमारे शरीर को फिटनेस एवं तंदुरुस्त बनाए रखने में सहायक होते हैं जबकि इंडोर खेलों में ऐसे बड़े मैदान की जरूरत नहीं होती है यह घर आंगन कहीं भी खेले जा सकते हैं आउटडोर खेल हमारे शारीरिक विकास में लाभदायक होता है, वहीं दूसरी तरफ शरीर को स्वस्थ सुडौल तथा सक्रिय बनाए रखता है जबकि इंडोर खेल हमारे दिमाग को तेज करते हैं साथ ही साथ मनोरंजन का उत्तम स्रोत माने जाते हैं।

खेलकूद से लाभ

आजकल की व्यस्त दिनचर्या में खेल ही एकमात्र साधन है जो मनोरंजन के साथ-साथ हमारे विकास में सहायक है वह हमारे शरीर को स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बनाए रखता है इससे हमारे नेत्रों की ज्योति बढ़ती है हड्डियां मजबूत  एवं रक्त का संचार उचित रूप से होता है।

खेलों से हमारे पाचन तंत्र पूर्ण रूप से कार्य करता है खेलों से हमारी दिमागी स्तर का विकास होता है ध्यान केंद्रित करने की शक्ति बढ़ती है इस तरह के व्यायाम से शरीर के सारे अंग पूर्ण रूप से कार्य करते हैं जिससे हमारा दिन अच्छा और मन प्रसन्न होता है।

खेलों से हमारा शरीर सुडौल एवं आकर्षक बनता है जो आलस्य को दूर कर ऊर्जा प्रदान करता है और हमें रोगों से मुक्त रखता है हम यह भी कह सकते हैं कि मनुष्य के व्यक्तित्व के विकास में खेल अपनी अहम भूमिका अदा करती है इससे ही मनुष्य आत्मनिर्भर तथा जीवन में सफलता प्राप्त करता है।

खेलकूद और शिक्षा

खेलकूद और शिक्षा का अनिवार्य संबंध है शिक्षा यदि मनुष्य का सर्वांगीण विकास करती है तो उस विकास का पहला अंग है शारीरिक विकास व्यायाम और खेलकूद के द्वारा ही संभव है इसलिए खेलकूद या क्रीडा को अनिवार्य बनाएं, बिना शिक्षा की प्रक्रिया का संपन्न हो पाना संभव नहीं है।

मानसिक, नैतिक या आध्यात्मिक विकास भी परोक्ष रूप से खेल कूद और व्यायाम के साथ जुड़े हैं यही कारण है कि प्रत्येक विद्यालय में पुस्तकीय शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद और व्यायाम की शिक्षा भी अनिवार्य रूप से दी जाती है विद्यालयों में व्यायाम शिक्षक स्काउट मास्टर आदि शिक्षकों की नियुक्ति इसलिए की जाती है कि प्रत्येक बालक उनके निरीक्षण में अपनी रूचि के अनुसार खेलकूद में भाग ले सकें और अपने स्वास्थ्य को संबल एवं पुष्ट बना सके।

खेलों से ही अनुशासन की भावना सीखते हैं खेलों से ही हमारे चरित्र का निर्माण होता है इससे हमें नेतृत्व कला के गुणों का विकास होता है इसके अलावा विद्यार्थियों को नीरस पढ़ाई से खेलों के द्वारा छुटकारा मिलता है और उनका उत्साह वर्धन होता है। खेलों से युवाओं की फालतू शक्ति का सही उपयोग होता है।

खेल कूद और स्वास्थ्य

स्वास्थ्य ही धन है यह एक पुरानी कहावत है स्वास्थ्य जीवन की आधारशिला है स्वस्थ मनुष्य ही अपने जीवन संबंधी कार्यों को भलीभांति पूरा करते हैं अन्य तरह के खेल गुणों के द्वारा विद्यार्थी अपने स्वास्थ्य और शरीर का निर्माण भी कर सकते हैं।

खेलकूद के द्वारा स्वच्छ वायु और खुले वातावरण में अच्छी कसरत हो जाती है सारे दिन पढ़ाई या काम करते करते व्यक्ति थक जाता है खेलों के द्वारा यह थकावट और उदासी बड़ी आसानी से दूर हो जाती है और मन प्रफुल्लित होता है।

इसलिए कहा जाता है कि ‘काम के समय काम और खेल के समय खेल’ सुख और प्रसन्नता का यही मार्ग है इसी प्रकार अनेक लोकोक्तियां स्वास्थ्य के संबंध में प्रचलित हो गई हैं जैसे-पहला सुख निरोगी काया, एक तंदुरुस्त हजार नियामत, जान है तो जहान है आदि। इन सभी लोकोक्तियों का अभिप्राय है कि मनुष्य को सबसे पहले अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।

उपसंहार

व्यायाम और खेलकूद से शरीर में शक्ति का संचार होता है जीवन में ताजगी और ऊर्जा मिलती है आधुनिक शिक्षा जगत में खेल के महत्व को स्वीकार कर लिया गया है छोटे-छोटे बच्चों के स्कूलों में भी खेलों की समुचित व्यवस्था की गई है हमारी सरकार ने इस कार्य के लिए अलग से खेल मंत्रालय भी बनाया है।

लेकिन अभी भी जैसे खेल कूद और व्यायाम की व्यवस्था माध्यमिक विद्यालयों महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में होनी चाहिए वैसे नहीं है इस स्थिति में परिवर्तन आवश्यक है यदि भविष्य में सुयोग्य नागरिक एवं सर्वांगीण विकास युक्त शिक्षित व्यक्तियों का निर्माण करना है तो शिक्षा में खेल कूद की उपेक्षा न करके उसे व्यावहारिक रूप से प्रदान करना होगा हर स्कूल के प्रत्येक विद्यार्थियों को खेलकूद में अनिवार्य रूप से भाग लेने का प्रावधान किया जाना चाहिए।

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