क्रिकेट पर निबंध – Essay on Cricket in Hindi

प्रस्तावना

क्रिकेट राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों द्वारा खेला जाने वाला एक पेशेवर स्तर का आउटडोर  खेल है, इस बाहर खेले जाने वाले खेल में 11 खिलाड़ियों की दो टीमें होती हैं, क्रिकेट तब तक खेला जाता है जब तक सारे ओवर या 10 विकेट खत्म नहीं हो जाती हैं।

इससे जुड़े नियमों का संचालन तथा आई. सी. सी.अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद और मेलबोर्न क्रिकेट क्लब द्वारा किया जाता है, यह खेल टेस्ट मैच और एक द्वितीय तथा टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के रूप में खेला जाता है, सर्वप्रथम यह खेल 16 वीं शताब्दी के दक्षिण  इंग्लैंड में खेला जाता था हालांकि 17 वी शताब्दी के दौरान इसका विकास इंग्लैंड के राष्ट्रीय खेल के रूप में हुआ।

क्रिकेट की शुरुआत

क्रिकेट का जन्म इंग्लैंड में 500 साल पहले अलग-अलग नियमों के तहत खेले जा रहे गेंद और डंडे के खेलने से हुआ था, बैट अंग्रेजी का एक पुराना शब्द है, जिसका सीधा अर्थ है डंडा या कुंदा। 17वीं सदी में एक खेल के रूप में आम पहचान बन चुकी और इतना लोकप्रिय हो चुका था कि रविवार को चर्च ना जाकर मैच खेलने के लिए इसके दीवानों पर जुर्माना तक लगाया जाता था।

18 वीं सदी के मध्य तक बल्ले की बनावट हॉकी की स्टिक की तरह नीचे से मुड़ी हुई होती थी, इसकी सीधी सी वजह यह थी कि उस समय गेंद को लुड़का कर फेंका जाता था और बैट के निचले सिरे का घुमाव बल्लेबाज को गेंद के साथ संपर्क साधने में होता था।

इंग्लैंड के छोटे गांव से उठकर ये खेल कैसे और कब बड़े शहरों के विशाल स्टेडियम में खेला जाने वाला आधुनिक खेल बन गया, इतिहास का एक दिलचस्प विषय है दक्षिण पूर्व इंग्लैंड में खोजा गया गेंद और डंडे का खेल आखिर भारतीय उपमहाद्वीप का जुनून कैसे बन गया।

इस खेल की कहानी इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि एक और जहां उपनिवेशवाद और राष्ट्रवाद की बड़ी कहानी से जुड़ी है, तो दूसरी  धर्म और जाति की राजनीति ने भी एक हद तक इसका स्वरूप गड़ा, क्रिकेट की एक दिलचस्प खासियत यह है कि पिच की लंबाई तो 22 गज होती है।

पर मैदान का आकार और प्रकार का कोई नहीं होता, हॉकी और फुटबॉल जैसे दूसरे खेलों की आयाम तय होती है, वहीं क्रिकेट में इनका कोई आयाम तय नहीं होती है, एडिलेड और ओवल मैदान की तरह अंडाकार हो सकता है तो कहीं चेन्नई की चेपोक की तरह लगभग  गोल भी हो सकती है।

मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड में गेंद को छक्का लगाने के लिए काफी दूरी तय करनी पड़ती है जबकि दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में थोड़े ही  प्रयास में गेंद सीमा रेखा के पार चली जाती है,हाॉकि  जैसे खेलों में बनने वाले कानून के मुकाबले सबसे पहले क्रिकेट में लिखे गए थे।

उनके मुताबिक दोनों टीमों के कप्तान एक एक अंपायर रखेंगे जिन्हें विवाद को निपटाने का अंतिम अधिकार होगा, स्टांप 22 इंच ऊंचे होंगे उनके बीच की गलियां 6 इंच की होगी, गेंद की वजन साढ़े पांच से साढ़े छः अॉस होगी, और स्टंप की दूरी 22 गज होगी उस समय बल्ले के  आकार पर कोई पाबंदी नहीं थी।

आगे चलकर दुनिया का पहला क्रिकेट कल ऐबल्टन में 1760 के दशक में बना और मेलबर्न क्रिकेट का बयान एनसीसी की स्थापना 1774 में हुई, इसकी अगले साल ही एम.सी.सी. ने क्रिकेट के नियमों में सुधार किए और उनका अभिभावक बन बैठा।

क्रिकेट में नियम की सुधार

एम.सी.सी. की सुधारों के कारण खेल में कई सारे बदलाव आ गए हैं जिन्हें 18वीं सदी दूसरे हिस्से मैं लागू किया गया, 1760 और 70 के दशक में जमीन पर लड़का ने की वजह गेंद को हवा में लहरा कर आगे भटकने का चलन हो गया था।

इससे गेंदबाजों को गेंद की लंबाई का विकल्प तो मिला ही अब यह हवा में भी चकमा दे सकते थे, और पहले से कहीं तेज गेंद फेंक सकते थे, इससे स्पिन–स्विंग के लिए नए दरवाजे खुल गए, जवाब में बल्लेबाजों को अपनी टाइमिंग शॉट सिलेक्शन पर अपनी महारत हासिल करनी थी।

एक नतीजा तो फिर यह हुआ कि मुड़े हुए बल्ले की वजह सीधे बल्ले बदलाव की वजह से अनुरोध तकनीक महत्वपूर्ण हो गए जबकि बड़ी मैदान ताकत की भूमिका कम हो गई, गेंद का वजन अब 5:30 से 5:45 अॉस तक हो गया और बल्ले की चौड़ाई 4 इंच कर दी गई।

यह तब हुआ जब बल्लेबाज ने अपनी पूरी पारी विकेट जितना बल्ले से खेल डाली थी, पहला विकेट नियम 1774 में प्रकाशित हुआ लगभग उसी समय तीसरे विकेट का भी चलन हुआ।

क्रिकेट का इतिहास

ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार के दौरान यह खेल बाहर के देशों में भी खेला जाने लगा और 19वीं सदी में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच आई.सी.सी. द्वारा 11-11 सदस्यों के दो टीमों में कराया गया, क्रिकेट एक काफी प्रसिद्ध खेल है जो इंग्लैंड, भारत, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका आदि जैसे दुनिया के कई सारे देशों में खेला जाता है।

भारत में छोटे बच्चे इस खेल के दीवाने हैं और वह इसे छोटी सी छोटी जगह में  भी खेल जाते हैंष खासतौर से सड़क और पार्क में, अगर इसे रोज खेला और अभ्यास किया जाए तो यह बहुत ही आसान खेल है, क्रिकेट खिलाड़ियों को अपने खेल में सुधार लाने के लिए रोज अभ्यास की जरूरत पड़ती है, जिससे वह छोटी सी छोटी गलतियों को सुधार कर सकते हैं और पूरे परिवार के साथ इसे खेल सकते हैं।

क्रिकेट के दीवानें

हमारे भारत देश में क्रिकेट कितने दीवाने हो गए हैं कि वह क्रिकेट मैच को देखने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, अपने मोबाइल  तथा टीवी के द्वारा क्रिकेट के मैचों का आनंद लेते हैं।

और साथ ही साथ स्टेडियम में जाकर क्रिकेट के मैचों का आनंद लेते हैं, आजकल की युवा क्रिकेट के इतने दीवाने हो गए हैं, कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेले जाने वाले खिलाड़ियों की तरह नकल करना चाहते हैं, साथ ही साथ वह अपने गांव या कस्बों में क्रिकेट खेलने के लिए  जाते हैं।

उपसंहार

किक्रेट ही नहीं बल्कि किसी भी प्रकार के खेल से स्वस्थय और उत्साह बढ़ता है, साथ ही स्वस्थ प्रतियोगिता की भावना भी विकास होता है, क्रिकेट के खेल से इसके साथ-साथ आपसी एकता तथा भाईचारा का विकास भी होता है, विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट के समय समूचा विश्व एक परिवार ही बन जाता है, और यह क्रिकेट के खेल की एक बड़ी उपलब्धि है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *