प्रस्तावना
गाय एक पालतू पशु है, गाय एक बहुत ही लाभदायक पशु है, गाय को मां की तरह भी पूजा जाता है, इसे हमलोग गौ मां के भी नाम से पुकारते हैं, यह एक विशाल शरीर वाला पालतू पशु है, यह दुनिया भर में अलग अलग नस्लों के रूप में पाए जाते हैं, गाय से हमें शुद्ध और ताजा दुध प्राप्त होती है, गाय के दुध में शुद्धता एवं पौष्टिक होती है, इसके दुध मे मीठापन भी पाई जाती है।
गाय से लाभ
गाय से मिलने वाली दुध हमारी जीवन में बहुत ही लाभदायक होती है, इसके दुध से हमारी शरीर को पौष्टिक ऊर्जा प्राप्त होती है, गाय के दुध से हमें क्रीम, मक्खन, पनीर, दही जैसे लाभदायक खाद्यपदार्थ प्राप्त होती है, गाय के दुध छोटे छोटे बच्चों और मरीजों के लिए बहुत ही लाभदायक साबित होती है,
गाय की मल मूत्र भी हम किसानों को खेती करने में बहुत काम आती है, इससे निकलने वाले मल मूत्र से हमें खेती करने से बहुत ही लाभ होती है, इसके मल मूत्र में भरपूर मात्रा में हमें उर्वरक प्राप्त होती है, जिससे हमें बाजार से कोई रसायन खाद खरीदने की जरुरत नहीं पड़ती है
रसायन खाद की तुलना में गायों की मल मूत्र बहुत ही लाभ साबित होती है, इनके मल मूत्र से हमारी खेत हमेशा उपजाऊ रहती है और फसल को भी कोई नुकसान नहीं होती है, इसके गोबर को ईंधन के रूप में उपयोग में लाया जाता है।
हमारे देश में गाय का महत्व
हमारे भारत देश में गाय का बहुत महत्व है, गाय को यहां पवित्र माना जाता है और पूजा जाता है, गाय को हिंदू धर्म में मां का स्थान दिया गया है, गाय को गौ मां कहा जाता है।
इसकी देखभाल अपनी माता की तरह की जाती है, हमारे भारत देश में हर व्यक्ति के घर में एक न एक गाय अवस्य देखने को मिलती हैं, ये दिखने में अत्यंत सुंदर होती है, ये अलग अलग रंग के पाए जाते हैं, और इसे गौ माता के रूप में पूजा जाता है।
गाय किसानों के लिए वरदान स्वरुप है
मेरे गांव में एक किसान के पास 5 गाय है, और वह किसान अपने गायों से मिलने वाले दूधों को बेचकर अपने बच्चों की स्कूल फीस देते हैं, अपना खुद का गाय होने की वजह से उस किसान को बहुत ही ज्यादा आर्थिक मदद मिल पाती है, जब मैं बीमार होता हूं या मेरे घर परिवार के कोई सदस्य बीमार होते हैं तो मैं उसी किसान के यहां से शुद्ध गाय की दूध खरीद कर लाता हूं।
क्योंकि वह किसान मुझे हमेशा शुद्ध गाय की दूध देता है, अक्सर देखा जाता है कि लोग हमें दूध में पानी मिलाकर या कोई अन्य सामग्री मिलाकर दे देते हैं, चंद पैसों के लिए जो कि बहुत ही बुरी बात है, क्योंकि मिलावटी दूध पीने से हमारे स्वास्थ्य के ऊपर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है और हम बहुत जल्दी बीमार पड़ जाते हैं।
गाय की मुख्य आहार
गाय मुख्य रूप से हरी भरी घास खाती है, इसके अलावा गांव में लोग गायों को सूखे भूसे पानी में मिलाकर खिलाते हैं और धान के पुआल भी खिलाते हैं, गाय को जितनी अच्छी संतुलित आहार खिलाई जाती है वह उतनी ही ज्यादा और अच्छी तो देती है।
यही वजह है कि ज्यादातर किसान अपने गायों के खानपान पर विशेष ध्यान देते हैं और उन्हें हमेशा संतुलित आहार देने का प्रयास करते हैं जिससे उन्हें ज्यादा से ज्यादा अच्छी गुणवत्ता वाली दूध प्राप्त हो सके।
भारत में गायों की नस्ल
भारत में गायों की लगभग 40 नस्ल पाई जाती है, भारत को दूध उत्पादन के मामले में पिछले एक दशक से दुनिया भर में प्रथम स्थान पर है 2012 की गोवंश जनगणना के अनुसार भारत में लगभग गायों की संख्या 19 करोड़ हैं, आवश्यकता और उपयोगिता के अनुसार इन्हें तीन भागों में बांटा गया है।
1. दुधारू नस्ल- यह गाय अच्छी दूध देने वाली होती है लेकिन इनके संतान कृषि कार्यों के लिए उपयोगी नहीं होते हैं।
2. बोझ ढोने वाली नस्ल- यह गाय कम दूध देने वाली होती है लेकिन इनके संतान कृषि कार्य के लिए उपयोगी होते हैं।
3. दुधारू और बोझ ढोने वाली नस्ल- यह गाय अच्छी दूध देने वाली होती है, और इनके संतान कृषि कार्य के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होते हैं।
उपसंहार
गाय हमारे लिए बहुत ही उपयोगी पशु है, क्योंकि गाय के दूध से हमें अच्छा स्वास्थ्य मिलता है, इसके अलावा गाय से हमें आर्थिक मदद भी मिलती है, गांव में लोग गाय के मल मूत्र यानी गोबर को अपने खेतों में डाल देते हैं, जिससे उन्हें बाजार से रासायनिक उर्वरक खाद खरीद कर लाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है और गांव के किसानों को रसायनिक उर्वरक खाद खरीदने के लिए पैसे खर्च नहीं करने पड़ते हैं।