जय- अभि, 3 दिन की छुट्टियां आ रही है, क्यों ना कुछ किया जाए।
अभि- हां दोस्त, मैं भी यही सोच रहा था कि क्यों ना इन 3 दिनों की छुट्टी में से एक दिन मौज मस्ती किया जाए? क्यों क्या ख्याल है तुम्हारा?
जय- मैं भी कुछ ऐसा ही सोच रहा था, तो चलो क्यों ना एक दिन पिकनिक के लिए चला जाए?
अभि- अरे वाह दोस्त, यह तो बहुत खूब कहा तुमने। बहुत दिनों से हम सब एक साथ कहीं घूमने भी नहीं गए हैं, मैं अपने घर में मम्मी पापा को मना लूंगा वह मान जाएंगे और तुम्हारे मम्मी पापा को भी बोल देंगे।
जय- ठीक है एक बार मैं भी अपने मम्मी पापा से बात कर लूंगा, तो बताओ कहां चला जाए पिकनिक के लिए?
अभि- आजकल गर्मी भी आ रही है क्यों ना ऐसी जगह चला जाए जहां पानी भी हो?
जय- फिर तो आसपास की जगह में से डैम ही है।
अभि- हां यार यह ठीक है डैम से पहले नदी किनारे पानी के मजे भी लेंगे और पार्क में पेड़ों के नीचे बैठकर खाने का मजा भी उठा पाएंगे।
जय- और हां डैम में तो अब वोटिंग भी शुरू हो गई है, शाम को आराम से वोटिंग का भी मजा उठाएंगे, बहुत ही मजा आएगा।