10+ छत्तीसगढ़ में घूमने की जगह – कैसे जाएं, जाने का सही समय, पूरी जानकारी

छत्तीसगढ़ भारत का 29 वां राज्य है जो कि देश के मध्य पूर्वी इलाकों में फैला हुआ है छत्तीसगढ़ आबादी के लिहाज से भारत का 17 वां राज्य तथा क्षेत्रफल के हिसाब से 10 वां सबसे बड़ा राज्य है छत्तीसगढ़ एक ग्रामीण प्रदेश है और इसलिए यहां की 82.56 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में रहती है राज्य के बस्तर, रायगढ़ और सरगुजा जिलों में ग्रामीण जनसंख्या सबसे ज्यादा है यहां आम लोगों के अलावा आदिवासी भी रहते हैं।

छत्तीसगढ़ खूबसूरत राज्य का गठन 1 नवंबर 2000 को हुआ था छत्तीसगढ़ की राजधानी शहर है रायपुर‌, छत्तीसगढ़ और इसकी राजधानी रायपुर के पीछे काफी दिलचस्प कहानियां है लोगों की माने तो जिस वक्त छत्तीसगढ़ का गठन हुआ था उस समय छत्तीसगढ़ में 36 गढ़ हुआ करते थे, 36 गढ़ का मतलब रियासतों की जमीनदारी से है उन 36 गढ़ों की वजह से ही इसका नाम छत्तीसगढ़ रख दिया गया छत्तीसगढ़ के गठन के बाद इसकी राजधानी को लेकर काफी विचार विमर्श हुआ पहले तो बिलासपुर को राजधानी बनाए जाने पर विचार किया गया लेकिन बिलासपुर वर्तमान राजधानी से उस समय पर ज्यादा विकसित था लेकिन फिर काफी विचार के बाद रायपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी घोषित किया गया आज रायपुर छत्तीसगढ़ के राजधानी होने के साथ ही साथ राज्य के सबसे बड़ा शहर भी माना जाता है।

छत्तीसगढ़ राज्य में हिंदू संस्कृति की काफी ज्यादा मान्यता है और यहां कई ऐसी चीजें मौजूद हैं, जो शायद आप लोग को इस बात की जानकारी हो कि छत्तीसगढ़ से भगवान श्रीराम का काफी करीब का नाता रहा है दरअसल माता कौशल्या खुद छत्तीसगढ़ की राजकुमारी थी वही भगवान राम ने भी अपने वनवास के दौरान काफी समय छत्तीसगढ़ में गुजारे थे आज भी छत्तीसगढ़ में पौराणिक, धार्मिक और ऐतिहासिक मान्यताओं के आधार पर कई ऐसे स्थान हैं जिन्हें देखने के बाद आप इस बात का साफ अंदाजा लगा सकते हैं कि छत्तीसगढ़ में भगवान राम का आगमन हुआ था वैसे छत्तीसगढ़ में देखने के लिए काफी पर्यटन स्थल है लेकिन जब बात चित्रकूट जलप्रपात की आती है तो सब कुछ पीछे रह जाता है यह जलप्रपात है ही इतना खूबसूरत कि सबका मन मोह लेता है।

छत्तीसगढ़ में घूमने की जगह

  1. चित्रकूट जलप्रपात
  2. मां बमलेश्वरी मंदिर
  3. देवरानी जेठानी मंदिर
  4. राजीव लोचन मंदिर
  5. भोरमदेव मंदिर
  6. मां महामाया देवी मंदिर
  7. मदकू द्वीप
  8. दलपत सागर
  9. अमृतधारा जलप्रपात
  10. तीरथगढ़ जलप्रपात
  11. देवपहरी जलप्रपात

चित्रकूट जलप्रपात

यह जलप्रपात इंद्रावती नदी पर स्थित है इसे भारत का नियाग्रा जलप्रपात के नाम से भी जाना जाता है यह देश का सबसे चौड़ा जलप्रपात है यह 90 फीट की ऊंचाई से गिरता है और बरसात के समय यह 150 मीटर चौड़ा होता है इस जलप्रपात को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों लोग आते हैं मानसून के समय यह पूरे उफान में होता है।

अगर आप इस जगह में घूमना चाहते हैं तो आप मानसून के समय में आएं यह बरसात में किसी स्वर्ग से कम नहीं है यह जलप्रपात बस्तर जिले में स्थित है बारिश के बाद आप यहां पर वोटिंग का भी लुफ्त उठा सकते हैं।

अगर आप इस जलप्रपात में घूमने आना चाहते हैं, तो आप जगदलपुर के लिए बस या कार भी बुकिंग कर सकते हैं, चित्रकूट जलप्रपात जगदलपुर से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

मां बमलेश्वरी मंदिर

छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे ऊंची चोटी पर विराजित डूंगरगढ़ की मां बमलेश्वरी का इतिहास काफी पुराना है मां बमलेश्वरी छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में खूबसूरत हरी-भरी वादियों और झील के किनारे विराजती है उन्हें मां बगलामुखी का रूप माना जाता है।

मां अपने भक्तों को विजयगम वरदान देती है साल के दोनों नवरात्रों में यहां भक्तों की भारी मात्रा में भीड़ उमड़ती है और मां के दर्शन कर भक्त खुद को धन्य करते हैं डूंगरगढ़ में जमीन से करीब 2000 फीट की ऊंचाई पर मां बमलेश्वरी मंदिर स्थित है, मंदिर में प्रवेश करते ही सिंदूरी रंगों में सजी मां बमलेश्वरी का भव्य रूप बरबस ही भक्तों को अपनी ओर खींच लेता है।

अगर आप कभी मां बमलेश्वरी मंदिर आना चाहते हैं तो ट्रेन की सहायता से डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन आराम से आ सकते हैं तथा बस के द्वारा भी आसानी से आ सकते हैं।

देवरानी जेठानी मंदिर

छत्तीसगढ़ जितना खूबसूरत है उतना ही वह अपने गर्भ में ऐसे कई रहस्यों को छुपा कर रखा है इसे हम लोगों के द्वारा जान पाना बहुत ही मुश्किल है ऐसी ही रहस्यमय जगह है देवरानी जेठानी मंदिर, देवरानी जेठानी मंदिर बिलासपुर से 29 किलोमीटर दूर मनियारी नदी के तट पर तालगांव नामक गांव में स्थित है।

तालगांव को अमिरिकांपा के नाम से भी जाना जाता है यह चौथी और पांचवी शताब्दी के मंदिर हैं जिन्हें देवरानी जेठानी मंदिर कहा जाता है देवरानी जेठानी मंदिर में सबसे प्रसिद्ध छठी शताब्दी की रूद्र शिव की प्रतिमा यहां स्थित है।

अगर आप कभी यहां जाना चाहते हैं तो आप ट्रेन की सहायता से बिलासपुर रेलवे स्टेशन आराम से आ सकते हैं तथा बस से भी आ सकते हैं ‌रेलवे स्टेशन से इसकी दूरी लगभग 29 किलोमीटर है।

राजीव लोचन मंदिर

यह मंदिर महाभारत कालीन मंदिर का लेख से मिलता है राजीव लोचन मंदिर के लेख से महाभारत काल में बिलासपतुंग नाम के एक राजा थे वे अपने स्वर्गवास पुत्र की याद में इस मंदिर का निर्माण करवाया था जो मंदिर के शिलालेख से है राजा  जगतपाल ने विष्णु मंदिर होने के बाद भी श्री राम मंदिर का निर्माण करवा जिसका शिलालेख राजीव लोचन मंदिर से मिलता है।

यहां एक त्रिवेणी संगम है जिसमें स्नान करने के बाद आप पूजा के लिए राजीव लोचन मंदिर के अंदर प्रवेश कर सकते हैं तीन नदी का संगम यहां महानदी, पैरी नदी और सोनुर नदी तीनों नदी का स्पर्श संगम है यह छत्तीसगढ़ के प्रयाग में स्थित है।

अगर आप यहां कभी आना चाहते हैं तो बाय एयर ट्रेन तथा बस के द्वारा सकते हैं रायपुर हवाई अड्डा से 42.5 किलोमीटर, रायपुर रेलवे स्टेशन से 50 किलोमीटर तथा रायपुर बस स्टैंड से 47 किलोमीटर की दूरी पर है।

भोरमदेव मंदिर

यह मंदिर छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में स्थित है यह छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण व प्राचीन मंदिरों में से एक है यह कवर्धा से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर तथा बिलासपुर से लगभग  111 किलोमीटर की दूरी पर तथा वहीं रायपुर से 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

इस मंदिर के अंदर एक बहुत बड़ा गार्डन भी मौजूद है जिसमें आप अपनी फैमिली के साथ आराम से आ सकते हैं यह मंदिर भडिंग नागवंशी राजाओं के काल में बना हुआ है यह नागरशैली में निर्मित यह मंदिर मैथुन प्रतिमाओं, गज, अस्व, नृतक नृत्काएं, देवी देवताओं की प्रतिमा तथा सरस्वती आदि की प्रतिमाएं यहां दर्शाई गई है।

अगर आप यहां कभी आना चाहते हैं तो बाय एयर ट्रेन तथा बस के द्वारा आ सकते हैं रायपुर हवाई अड्डा से 130 किलोमीटर, कवर्धा रेलवे स्टेशन से 120 किलोमीटर तथा बिलासपुर से 111 किलोमीटर की दूरी पर है।

मां महामाया देवी मंदिर

भारत में देवी माता के अनेक प्रसिद्ध मंदिर हैं जिनमें माता के 51 शक्तिपीठ सदा से ही श्रद्धालुओं के लिए विशेष धार्मिक महत्व के रहे हैं इन्हीं में से एक है छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर गांव में मां महामाया देवी मंदिर।

रतनपुर का महामाया मंदिर शक्तिपीठों में से एक है शक्तिपीठों की स्थापना से महामाया मंदिर एक पौराणिक कथा प्रसिद्ध है शक्तिपीठ उन पूजा स्थलों को कहते हैं जहां माता सती के अंग गिरे थे पुराणों के अनुसार पिता दक्ष के यज्ञ में अपमानित हुई सती ने योग बल द्वारा अपने प्राण त्याग दिए थे सती की मृत्यु से भगवान शिव उनके मृत शरीर को लेकर तांडव करते हुए  ब्राह्मण में भटकते रहे। महामाया मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में करवाया गया।

अगर आप कभी मां महामाया देवी मंदिर आना चाहते हैं तो आप बिलासपुर के लिए ट्रेन तथा बस से आ सकते हैं जसपुर से 25 किलोमीटर की दूरी पर तथा रायपुर से 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

मदकू द्वीप

छत्तीसगढ़ की इतिहास पर नजर डालें तो हमें कई रोचक जानकारियां प्राप्त हो सकती है ये है छत्तीसगढ़ का रहस्यमय पर्यटन स्थल है, जिसे देखकर आपकी आंखें खुली की खुली रह जाएगी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से 39 किलोमीटर की दूरी एक गांव है जिस गांव का नाम है बैतलपुर।

यहां से कुछ ही दूरी पर चारों ओर नदी से घिरा प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर एक द्वीप है यह द्वीप शिवनाथ नदी पर स्थित है जिसे मदकू द्वीप के नाम से जाना जाता है, शिवनाथ नदी के पानी से घिरा चारों ओर मदकू द्वीप आमतौर पर जंगल जैसा ही है शिवनाथ नदी के बहाव ने मदकू द्वीप को दो भागों में बांट दिया है जिसका एक हिस्सा लगभग 24 हेक्टेयर का है जो अलग थलग है और दूसरा हिस्सा 5 हेक्टेयर का है इन दोनों के बीच आप समुंद्र की तरह इस जगह पर आप टूरिस्ट वोटिंग का लुफ्त उठा सकते हैं।

अगर आप इस द्वीप में जाना चाहते हैं तो आप ट्रेन से बिलासपुर स्टेशन आ सकते हैं और वहां से रिक्शा के द्वारा आप मदकू द्वीप आसानी से जा सकते हैं रिक्शा का किराया लगभग 150 से 200 तक का हो सकता है।

दलपत सागर

छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में स्थित दलपत सागर एक मानव निर्मित कृत्रिम तालाब है जो कि अपनी विशालता और मनमोहक दृश्य के लिए प्रसिद्ध है यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा बहुत ही खूबसूरत दिखाएं पड़ता है दलपत सागर छत्तीसगढ़ के सबसे बड़ी कृत्रिम तालाबों में से एक है इसे राजा दलपत देव ने 400 से भी अधिक वर्ष पहले बनवाया था इस तालाब को मुख्यतः वर्षा जल संग्रहण करने के लिए बनवाया गया था यह आज के समय में पर्यटन स्थल के प्रमुख बिंदु बन चुका है।

अगर आप कभी दलपत सागर घूमने आना चाहते हैं तो आप ट्रेन बस तथा कार से आ सकते हैं ट्रेन या बस से आप सीधे जगदलपुर आ सकते हैं जगदलपुर से दलपत सागर की दूरी लगभग 2.6 किलोमीटर है आप रिक्शा या पैदल भी बहुत आसानी से घुम सकते हैं।

अमृतधारा जलप्रपात

यह छत्तीसगढ़ के सबसे खूबसूरत जलप्रपात में से एक है अमृत धारा जलप्रपात में अंबिकापुर, सूरजपुर, कोरिया, बिलासपुर तथा रायपुर से लोग आते हैं और आसपास के राज्यों से भी घूमने तथा पिकनिक के लिए लोग आते हैं अमृतधारा जलप्रपात छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में स्थित है।

तीरथगढ़ जलप्रपात

यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित है तीरथगढ़ जलप्रपात जगदलपुर से 38 किलोमीटर की दूरी पर तथा रायपुर से 320 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मूंगाबहार नदी में बनता है यह छत्तीसगढ़ के सबसे ऊंचे जलप्रपात में से एक है यहां पर हमेशा एक बात का ध्यान रखना होगा कि हमेशा बंदरों से सावधान रहें, कुछ नीचे जाने के बाद तीरथगढ़ जलप्रपात को देख सकते हैं यहां अलग-अलग जगहों से पर्यटक आते हैं।

देवपहरी जलप्रपात

देव्पहरी जलप्रपात छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित है यह जलप्रपात बहुत मनमोहक तथा बहुत ही सुंदर है यह जलप्रपात कोरबा का सबसे खूबसूरत जलप्रपात है यह जलप्रपात कोरबा रेलवे स्टेशन से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और कोरबा बस स्टैंड से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर है रायपुर से बोले तो लगभग 300 किलोमीटर की दूरी पर है।

पिकनिक मनाने तथा घूमने के लिए बहुत ही खूबसूरत जगह है यह जलप्रपात चोरनई नदी के तट पर स्थित है यह हलदेव नदी का सहायक नदी है और यहां एक मान्यता है कि यहां भगवान राम होकर गुजरे थे, उनके पैरों का निशान आज भी देखने को मिलता है,  यहां पर 2 वांच टावर बनाया गया है जिससे आप देवपहरी जलप्रपात का आनंद उठा सकते हैं यहां पर पिकनिक मनाने तथा घूमने के लिए कोरबा जिले के अलावा अलग-अलग जगहों से लोग आते हैं।

निष्कर्ष

अब आपको छत्तीसगढ़ में घूमने की प्रसिद्ध जगहों के बारे में मालूम हो गया होगा, और आपको इन जगहों के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिला होगा अगर आप इस लेख से संबंधित हमसे कोई सवाल पूछना चाहते हैं, या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताएं आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे।

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