अव्यय किसे कहते हैं?
अव्यय शब्द का रूप जिन पर लिंग वचन कारक आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है उसे अव्यय कहा जाता है जैसे अधिक प्रति के बिना वाह ही तो।
अव्यय के कितने भेद होते हैं?
अव्यय पांच प्रकार के होते हैं
- क्रिया विशेषण
- संबंध बोधक
- समुच्चयबोधक
- विस्मयादिबोधक
- निपात
क्रिया विशेषण
जिस शब्द से क्रिया की विशेषता प्रकट हो, उसे क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे-ऊपर, नीचे, दाहिने, अधिक, निकट, प्रतिदिन, आज ,लगातार आदि।
क्रिया विशेषण के कितने भेद होते हैं
क्रिया विशेषण प्रायः चार प्रकार से बताई जाती है अतः क्रिया विशेषण के चार भेद होते हैं
- रीतिवाचक क्रिया विशेषण
- कालवाचक क्रिया विशेषण
- स्थान वाचक क्रिया विशेषण
- परिणाम वाचक क्रिया विशेषण
रीतिवाचक क्रिया विशेषण
जिन क्रिया विशेषण शब्दों से क्रिया के ढंग या रिती की विशेषता का बोध होता है, उन्हें रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे-अकस्मात, अचानक, यथाशक्ति, हाथों-हाथ, धीरे-धीरे, जल्दी-जल्दी, शायद, इसलिए आदि।
कालवाचक क्रिया विशेषण
जिन क्रिया विशेषण शब्दों से क्रिया के समय की विशेषता का बोध होता है, उन्हें कालवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे-लगातार, जब, पश्चात, कभी, नित्य, प्रतिमाह, कल ,सदा, तत्काल, सायं आदि।
स्थान वाचक क्रिया विशेषण
जिन क्रिया विशेषण शब्दों से क्रिया के स्थान की विशेषता का बोध होता है, उन्हें स्थान वाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे – मध्य, दूर, निकट, नीचे, वहां, सामने, चारों ओर, आसपास, जहां, तहां आदि।
परिणाम वाचक क्रिया विशेषण
जिन क्रिया विशेषण शब्दों से क्रिया की मात्रा या नापतोल, न्यूनता, अधिकता, तुलना आदि की विशेषता का बोध होता है, उसे परिणाम वाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे-ज्यादा, उतना, खूब, थोड़ा सा, जरा, बराबर, बढ़कर, लगभग, कितना, आदि।
संबंधबोधक अव्यय
जो अव्यय संज्ञा या सर्वनाम के बाद आकर वाक्य के दूसरे शब्द के साथ संबंध बतलाए, उसे संबंधबोधक अव्यय कहते हैं।
जैसे-निकट, दूर, आगे, पीछे, अंदर, बाहर, आदि।
सरल शब्दों में
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों से कराता है, उसे संबंधबोधक कहते हैं।
जैसे – के साथ, की ओर, के आगे , के बिना आदि।
समुच्चयबोधक
जो अव्यय शब्द दो शब्दों का वाक्यों को जोड़ता है, उसे समुच्चयबोधक कहते हैं।
जैसे और, तथा, या, अथवा, किंतु, परंतु, कि, क्योंकि, जो, ताकि, हालांकि, लेकिन, अतः, इसलिए आदि।
सरल शब्दों में
जो शब्द दो शब्दों वाक्यांशों अथवा वाक्यों को मिलाते हैं, उसे समुच्चयबोधक कहते हैं।
जैसे – परंतु, इसलिए, किंतु, तथा, और, अथवा आदी।
विस्मयादिबोधक अव्यय
जिन अव्यय शब्दों से हर्ष, शोक, क्रोध, भय, आश्चर्य, घृणा आदि तीव्र मनोभाव व्यक्त होते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं।
दूसरे शब्दों में
जिस शब्दों से हर्ष, शोक, आश्चर्य, घृणा, प्रशंसा आदि का बोध हो, उसे विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं।
जैसे-अच्छा! वाह! शाबाश! जीते रहो! आदि।
निपात
जो अव्यय पद या शब्द के बाद लगकर अर्थ में विशेष प्रकार का बल देता है, वह निपात कहलाते हैं।
जैसे-भी, ही, तो, तक, मात्र, केवल आदि।