अभिभावक — नमस्कार!
अध्यापक — नमस्कार! आइए!
अभिभावक — सर! हम नीरज के माता-पिता हैं, आपने हमें विद्यालय बुलवाया है। क्या कोई खास वजह है?
अध्यापक — जी हां, नीरज का स्कूल की नोटबुक में उसने स्वयं नहीं लिखा है, किसी और से लिखवाया है। वह गृह कार्य भी करके नहीं लाता है।
अभिभावक — सर! घर पर भी उसका यही हाल है, उसके सारे काम हमें ही करने पड़ते हैं।
अध्यापक — बच्चों में आलस्य की प्रवृत्ति दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
अभिभावक — आप ही बताइए हम क्या करें?
अध्यापक — उसे उसके कार्य स्वयं करने दीजिए। गृह कार्य और पढ़ाई का समय निश्चित कीजिए।
अभिभावक — जी सर! हम पूरी कोशिश करेंगे।
अध्यापक और अभिभावक के बीच मोबाइल फोन को लेकर संवाद
अध्यापक — विद्यालय में मोबाइल फोन का प्रयोग करना क्या सही है? इस विषय पर आपकी क्या राय है?
अभिभावक — इसमें बुराई क्या है?
अध्यापक — इसकी सबसे बड़ी बुराइयां है कि यदि विद्यालय में विद्यार्थी मोबाइल फोन लाएंगे, तो वह इसी पर व्यस्त रहेंगे और पढ़ाई पर ध्यान नहीं देंगे।
अभिभावक — अच्छा! फिर क्या मोबाइल फोन विद्यालय में नहीं लाना चाहिए।
अध्यापक — हां, विद्यालय में मोबाइल फोन का उपयोग बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। मोबाइल बच्चों का ध्यान आकर्षित करके उन्हें पढ़ाई से दूर करता है।
अभिभावक — कह तो आप सही रहे हैं, परंतु आजकल बच्चे मानते कहां हैं? उन्हें तो हर समय फोन चाहिए होता है।
अध्यापक — बच्चों को प्रेम पूर्वक समझाया जा सकता है कि उन्हें विद्यालय पढ़ने के लिए भेजा जाता है। अतः पढ़ाई के समय मोबाइल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
अभिभावक — आपकी बात सही है। मैं आज अपने बच्चों को यह बात समझाऊंगा कि वह विद्यालय में मोबाइल फोन न लेकर जाए ताकि उनकी पढ़ाई में कोई बाधा उत्पन्न न हो।